Brown Rusty Mystery Novel Book Cover ~ पं० आदित्यनारायण शास्त्री प्रस्तावना इस ग्रंथ को लिखने का मेरा उद्देश किसी भी संप्रदाय के अथवा जन समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है,अपितु सत्य विशुद्ध सनातन ज्ञान विज्ञान का प्रकाश करना मात्र है . कतिपय नास्तिक, समाजी एवं विधर्मिजन परम प्राचीन सनातन पूजा पद्धति मे अग्रणी […]
रामचरित्र मानस शंका समाधान का दूसरा शंका का समाधान 2. शिव और रामकी सच्ची उपासनाका रहस्य?
रामचरित्र मानस शंका समाधान का पहला शंका का समाधान 1. श्री हनुमानजी की उपासना कब करनी चाहिये?
इस लेख मे क्या वाल्मीकि रामायण 2.110.3 और वाल्मीकि रामायण 2.110.4 अनुसार वराह अवतार भी ब्रह्माने लिया था? कुछ विधर्मी और वेद विरुद्ध दयानन्द समाजी (दयानंद सरस्वती को मानने वाला) दावा करते हैं कि वराह अवतार भगवान विष्णु ने नहीं बल्कि ब्रह्मा जी ने लिया था वाल्मीकि रामायण का श्लोक दिखाते हुए यह दावा करते […]
कनकधारा स्तोत्र ~ देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने की दिव्य स्तुति (Kanakadhara stotram) अत्यंत लोकप्रिय और प्रभावशाली स्तोत्र है जिसे भगवान आदि गुरु शंकराचार्य ने रचा था यह स्तोत्र देवी लक्ष्मी की स्तुति करता है और इसमें उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए प्रार्थना की गई है। इस स्तोत्र के पाठ से धन-धान्य, समृद्धि, […]
आई आज इस लेख और वीडियो के माध्यम से जानते हैं क्या शिव और विष्णु में भेद हैं? क्या विष्णु (Vishnu) से भिन्न भगवान् के किसी भी अन्य स्वरूप की विशेषता के संबंध में बात करने वाले पुराणादि धर्मग्रंथ तामसिक हैं और उन्हें सनातन सत्य के रूप में स्वीकार करना उचित नहीं है ? सर्वप्रथम […]
meaning of maya and mithya ~ माया और मिथ्या का क्या अर्थ है, माया और मिथ्या- अद्वैत वेदांत के अनुसार
उत्तर — प्रकाश व विमर्श केवल बोलनेमात्र के लिए भिन्न हैं, परन्तु वास्तव में अभिन्न ही हैं। उदाहरण के लिए अग्नि और दाहकता(heat) केवल बोलने के लिए भिन्न हैं, वास्तव में अभिन्न ही है। शाङ्करवेदान्त में जिसे ब्रह्म कहा जाता है, शिवाद्वयवाद में उसे ही प्रकाश बोला जाता है, परन्तु शाङ्करवेदान्त के ब्रह्म की भान्ति […]
क्या स्त्री पर हाथ उठाना चाहिए?
प्रश्नकर्ता मोहन यादव:- महाराज लोग कहते हैं नारी लक्ष्मी स्वरूपा है, उसपे हाथ नही उठाना चाहिए. इसपे शास्त्रो का क्या मत है स्पट करें…. पंडित आदित्यनारायण शास्त्री जी:- बिल्कुल सत्य कथन है नही मारना चाहिए, मै तो कहता हूँ पुत्री तुल्य व्यवहार करना चाहिए , लेकिन स्त्रियों को भी माता के समान अपने पति की […]
आईये जानें: क्या आर्यसमाज सच में वैदिक है?
आर्य समाज कल्पवेदाङ्ग, स्मृति व इतिहासग्रन्थों को मिलावटी कहता है। आर्य समाज वेद के संहिताभाग को ही वेद मानता है और ब्राह्मणग्रन्थों को भी मिलावटी कहता है, आर्य समाज के बड़े विद्वान गङ्गाप्रसाद उपाध्याय ‘सायण और दयानन्द’ नामक पुस्तक में बताते हैं कि ब्राह्मणग्रन्थों में पशुबलि है और आलभन शब्द का अर्थ हम समाजी हर […]